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Wednesday, October 31, 2012

दवाई

Monday, October 29, 2012

पुस्तक का ज्ञान

Cover Photo

Tuesday, October 23, 2012

Fwd: [VISHWA JAGRITI MISSION] रूठे न रहो-मिलनसार रहो,,,,रखें न रहो-मधुर बने...



---------- Forwarded message ----------
From: Ramesh Kumar Mishra <notification+zvefelze@facebookmail.com>
Date: 2012/10/22
Subject: [VISHWA JAGRITI MISSION] रूठे न रहो-मिलनसार रहो,,,,रखें न रहो-मधुर बने...
To: VISHWA JAGRITI MISSION <v1j2m3@groups.facebook.com>


रूठे न रहो-मिलनसार रहो,,,,रखें न रहो-मधुर बने...
Ramesh Kumar Mishra 8:16pm Oct 22
रूठे न रहो-मिलनसार रहो,,,,रखें न रहो-मधुर बने रहो,,,,भूखे न रहो-तृप्त रहो,,,, न जलो-न जलाओ..सुधांशुजी महाराज

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Saturday, October 20, 2012

सेवा में भी किसी एक


Vinod Rohila Vjm

सेवा में भी किसी एक जगह मन को जोड़ कर शुरू हो जाओ ! थोडा सा भी समय 

Thursday, October 18, 2012

जो व्यक्ति अपना सुख दूसरों के दुःख मिटाने के लिए...




परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

जो व्यक्ति अपना सुख दूसरों के दुःख मिटाने के...
Ramesh Kumar Mishra
जो व्यक्ति अपना सुख दूसरों के दुःख मिटाने के लिए बलिदान करता है,,अपनी मोह-ममता को त्यागकर,,मन में वैराग्य भाव लाकर,,,अपनी समस्त भावनाओं को परमात्मा के समक्ष समर्पित करता है,,ऐसा व्यक्ति परब्रम्ह परमेश्वर को प्राप्त करने में समर्थ होता है..सुधांशुजी महाराज



Friday, October 12, 2012

गृहस्थ के लिए महामंत्र

गृहस्थ के लिए महामंत्र 
योगी बनो ,पर रोगी नहीं ! स्वस्थ बनो ,पर मोटे नहें १
बवान बनो , पर दुष्ट नहीं ! खरे बनो,पर खारे नहीं !
धीर बनो ,पर सुस्त नहीं !सरल बनो पर मूर्ख नहीं !
सावधान बनो, पर वहमी नहें !उतसाही बनो ,पर जल्दबाज नहीं !
न्यायी बनो , पर निर्दयी नहीं !चंगे बनो ,पर दुर्बल नहीं !
दृढ बनो , पर हटी नहीं ! प्रेमी बनो , पर पागल नहीं !
समालोचक  बनो ,पर निंदक नहीं !namr    बनो ,पर चापलूस नहीं !
पुष्ट बनो, पर उद्दंड नहीं ! चतुर बनो ,पर कुटिल नहीं !

बड़ों की कठोर वाणी जो प्रेम से सहते हैं वह एक दिन सुखी होंते हैं !


Tuesday, October 9, 2012

मनुष्य को सामंजस्य





Ramesh Kumar Mishra
मनुष्य को सामंजस्य स्थापित करते हुए जीवन यापन करना चाहिए..ध्यान,,साधना,,प्राणायाम,,जप-तप,,प्रार्थना -पूजा,,सत्संग ऐसे सुविचार हैं,,जिनसे मनुष्य समर्थ एवं सामर्थ्यवान बनता है..गुरु द्वारा दिया गया मार्गदर्शन मन्त्र रुप होता है..परमात्मा का नाम ही संजीवनी है मनुष्य के अन्दर विद्यमान उसके तामसिक गुण उसके विनाश का कारण बनते हैं..मनुष्य को पहले अपनी शक्ति फिर भगवान् की शक्ति को याद करना चाहिए..सुधान्शुजी महाराज

Saturday, October 6, 2012

आज का विचार -27/9/11








अपने को बदलने में विश्वास रखिए, दूसरों से बदला लेने की इच्छा नहीं करें ।


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

Believe in changing yourself and don't wish to take revenge on others.

 

Translated by Humble Devotee

Praveen Verma





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शरीर के लिए तरह तरह के सुख


Vinod Rohila Vjm


शरीर के लिए तरह तरह के सुख - साधन जुटाते हे , आत्मा के ..