गंगा तट पर एक ऋषि का आश्रम था, जिसमें अनेक छात्र शिक्षा प्राप्त करते थे। जब शिष्यों की शिक्षा पूरी हो जाती और वे अपने घर वापस जाने लगते , तो ऋषि से पूछते कि गुरु दक्षिणा में क्या दें? ऋषि कहते कि तुमने जो पाया है, समाज में जाकर उस पर अमल करो,अपने पैरों पर खड़े हो, सच्ची कमाई करो और फिर एक साल बाद तुम्हारा जो दिल चाहे वह दे जाना। |
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Thursday, August 6, 2015
गंगा तट पर aik kahani
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