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Thursday, August 23, 2012

दृष्टि आपको बदलनी है श्रृष्टि स्वतः बदल जाएगी

जीवन में दृष्टिकोण सही होगा तो आपकी सारी चीजें अपने आप ठीक होने लगेंगी.दृष्टिकोण ठीक नहीं है तो फिर 
कोई चीज ठीक नहीं है..जीवन में जो नहीं है सिर्फ उसी को मत देखो, जो है उसकी ख़ुशी मनाओ.. परमात्मा ने 
कितना दिया,क्या--क्या दिया? किस काबिल आपको बनाया है? कितने उपकार हैं उसके आप पर? वह कितनी 
कृपाएँ कर रहा है? उसकी कृपाओं का धन्यवाद करो, शिकायत नहीं.. कोई भी चीज जीवन में घटी है तो हो 
सकता है कि उससे आपका भला होने वाला हो, और फिर यह  भी सोचना कि हम कोई अंतर्यामी तो हैं नहीं, जो 
बहुत दूर तक देख पायें, हमारी  भलाई इसी में है. पिता परमात्मा जरुर कुछ हमारा भला करना चाहता 
है..इसलिए जो मिला है उसे ख़ुशी से स्वीकार करें.. आपका नजरिया सही होना चाहिए,,सोच सकारात्मक हो..जो 
कमाया उसे परमात्मा का प्रसाद मानकर अपनाइए प्रसन्नता के फूल खिल उठेंगे और जीवन में सुख--शांति 
आनी शुरू हो जाएगी.. पर इस बात का ध्यान रखें दृष्टि आपको बदलनी है श्रृष्टि स्वतः बदल जाएगी.
सुधांशुजी महाराज

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