AAPAKA BLOG PAR SWAGAT HE
PLEASE SEE THE BLOG UPTO END
my blogs
adsence code
visiter counter
clock
About Me
Labels
GURUMATAA
(1)
satsang in Mumbai
(1)
sudhanshuji maharajin bhilai steel plant
(1)
गुरुमाता
(6)
बेटी के सुखी जीवन के लिए
(1)
मात -पिता
(1)
माता पिता
(1)
slideshow
slide show gurumata
Saturday, July 31, 2010
हरी ॐ
मन के पौधे को संसार से उखाड़कर परमात्मा के दरबार में लगा दो, भक्ति से सीचना इस पौधे को। ज्ञान का जल, तपस्या की खाद डालना, यह मन भगवन का दर्शन कराएगा।
Thursday, July 29, 2010
जय गुरुदेव
Tuesday, July 27, 2010
जय गुरुदेव
परमात्मा से मिले बिना व्यक्ति को चैन और आनंद नहीं मिल सकता। इसलिए जीवन में भक्ति का नियम बनाओ नित्य निरंतर भक्ति में बैठो। भक्ति तब भीतर उतरेगी जब मन कपट रहित होगा।
Thursday, July 15, 2010
योगदर्शन
चित्त एक सरोवर की तरह है, जिसमे तरंगे उठती रहती हैं। जिससे मनुष्य मूल तत्त्व का अवलोकन नहीं कर पाता। जब बताये गए साधनों के द्वारा चित्त रुपी सरोवर की तरंगे शांत हो जाती हैं तो उसमे प्रवाहित होने वाला जल निर्मल हो जाता है और आत्मा का परमात्मा से योग होता है।
Tuesday, July 13, 2010
सुख और आनंद
Subscribe to:
Posts (Atom)