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Wednesday, October 16, 2019

Hare Krishna  .... 

*⭕ ​कर्मों का हिसाब देना पड़ता है 🤔*

*🔷 एक सेठ जी बहुत ही दयालु थे । धर्म-कर्म में यकीन करते थे ।*
*उनके पास जो भी व्यक्ति उधार मांगने आता*
*वे उसे मना नहीं करते थे ।*

*सेठ जी मुनीम को बुलाते और जो उधार मांगने वाला व्यक्ति होता उससे पूछते कि ​"भाई ! तुम* *उधार कब लौटाओगे ?​*

*​इस जन्म में या फिर अगले जन्म में ?"​*

*🔷 जो लोग ईमानदार होते वो कहते - "सेठ जी*
*हम तो इसी जन्म में आपका कर्ज़* *चुकता कर देंगे ।"*

*और कुछ लोग जो ज्यादा चालक व बेईमान होते वे कहते -* *"सेठ जी !*
*हम आपका कर्ज़ अगले जन्म में उतारेंगे ।"*

*और अपनी चालाकी पर वे मन ही मन खुश होते कि "क्या मूर्ख सेठ है !*

*अगले जन्म में उधार वापसी की उम्मीद लगाए बैठा है ।"*

*ऐसे लोग मुनीम से पहले ही कह देते कि वो अपना कर्ज़ अगले जन्म में लौटाएंगे*

*और मुनीम भी कभी किसी से कुछ पूछता नहीं था ।*
*जो जैसा कह देता मुनीम वैसा ही बही में लिख लेता ।*

*🔷 एक दिन एक चोर भी सेठ जी के पास उधार मांगने पहुँचा ।*
*उसे भी मालूम था कि सेठ अगले जन्म तक के लिए रकम उधार दे देता है ।*

*हालांकि उसका मकसद उधार लेने से अधिक सेठ की तिजोरी को देखना था ।*

*चोर ने सेठ से कुछ रुपये उधार मांगे, सेठ ने मुनीम को बुलाकर उधार देने को कहा ।*

*मुनीम ने चोर से पूछा - "भाई !*
*इस जन्म में लौटाओगे या अगले जन्म में ?"*

*🔷 चोर ने कहा - "मुनीम जी ! मैं यह रकम अगले जन्म में लौटाऊँगा ।"*

*🔷 मुनीम ने तिजोरी खोलकर पैसे उसे दे दिए ।*

*चोर ने भी तिजोरी देख ली और तय कर लिया कि इस मूर्ख सेठ की तिजोरी आज रात में उड़ा दूँगा ।*

*वो रात में ही सेठ के घर पहुँच गया और वहीं भैंसों के तबेले  में छिपकर सेठ के सोने का इन्तजार करने लगा ।*

*अचानक चोर ने सुना कि भैंसे आपस में बातें कर रही हैं और वह चोर भैंसों की भाषा ठीक से समझ पा रहा है ।*

*🔷 एक भैंस ने दूसरी से पूछा - "तुम तो आज ही आई हो न, बहन !"*

*उस भैंस ने जवाब दिया - "हाँ, आज ही सेठ के तबेले में आई हूँ, सेठ जी का पिछले जन्म का कर्ज़ उतारना है और तुम कब से यहाँ हो ?"*

*उस भैंस ने पलटकर पूछा तो पहले वाली भैंस ने बताया - "मुझे तो तीन साल हो गए हैं, बहन ! मैंने सेठ जी से कर्ज़ लिया था यह कहकर कि अगले जन्म में लौटाऊँगी ।*

*सेठ से उधार लेने के बाद जब मेरी मृत्यु हो गई तो मैं भैंस बन गई और सेठ के तबेले में चली आयी ।*

*अब दूध देकर उसका कर्ज़ उतार रही हूँ ।*
*जब तक कर्ज़ की रकम पूरी नहीं हो जाती तब तक यहीं रहना होगा ।"*

*🔷 चोर ने जब उन भैंसों की बातें सुनी तो होश उड़ गए और वहाँ बंधी भैंसों की ओर देखने लगा ।*

*वो समझ गया कि ​उधार चुकाना ही पड़ता है,​*

*​चाहे इस जन्म में या फिर अगले जन्म में उसे चुकाना ही होगा ।​*

*वह उल्टे पाँव सेठ के घर की ओर भागा और जो कर्ज़ उसने लिया था उसे फटाफट मुनीम को लौटाकर रजिस्टर से अपना नाम कटवा लिया ।*

🐘🐫🐪🐅🐆🦍🐂

*🔶 ​हम सब इस दुनिया में इसलिए आते हैं​*

*​क्योंकि हमें किसी से लेना होता है तो किसी का देना होता है ।​*

*इस तरह से प्रत्येक को कुछ न कुछ लेने देने के हिसाब चुकाने होते हैं ।*

*इस कर्ज़ का हिसाब चुकता करने के लिए इस दुनिया में कोई बेटा बनकर आता है*
*तो कोई बेटी बनकर आती है,*
*कोई पिता बनकर आता है,*
*तो कोई माँ बनकर आती है*
*कोई पति बनकर आता है,*
*तो कोई पत्नी बनकर आती है*,
*कोई प्रेमी बनकर आता है*,
*तो कोई प्रेमिका बनकर आती है,*
*कोई मित्र बनकर आता है,*
*तो कोई शत्रु बनकर आता है,*
*कोई पढ़ोसी बनकर आता है तो* *कोई रिश्तेदार बनकर आता है ।*

*चाहे दुःख हो या सुख हिसाब तो* *सबको देना ही पड़ता हैं ।*
ये प्रकृति का नियम है ​कर्मों का हिसाब देना पड़ता है 

🙏😊🙏


🌹👌🏻 प्रकाश महाराज 👌🏻🌹